वो क्या जाने, यादों की कीमत

वो क्या जाने, यादों की कीमत,
जो ख़ुद यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादो का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं।

वो समझे या ना समझे मेरे जज्बात को 

वो समझे या ना समझे मेरे जज्बात को
मुझे तो मानना पड़ेगा उनकी हर बात को
हम तो चले जायेंगे दुनिया से एक दिन
मगर देख लेना वो सोंएगे अकेले हर रात को ।

कुछ रिश्तों की चमक नहीं जाती 

कुछ रिश्तों की चमक नहीं जाती
कुछ यादों की कसक नहीं जाती
कुछ दोस्तों से होता है ऐसा रिश्ता
के दूर रह कर भी उनकी महक नहीं जाती ।।

मुहब्बत को जब लोग खुदा मानते है

मुहब्बत को जब लोग खुदा मानते है
प्यार करने वालों को क्यों बुरा मानते है
जब जमाना ही पत्थर दिल है
फिर पथर से लोग क्यों दुआ मांगते है