उनका भी कभी हम दीदार करते है
उनसे भी कभी हम प्यार करते है
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर
फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है
जोक्स और शायरी हिंदी में
उनका भी कभी हम दीदार करते है
उनसे भी कभी हम प्यार करते है
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर
फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है
हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है;
आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं;
हवा टकरा रही है शमा से बार-बार;
और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रक्खी है।
नज़र चाहती है दीदार करना;
दिल चाहता है प्यार करना;
क्या बतायें इस दिल का आलम;
नसीब में लिखा है इंतजार करना।
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा;
यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा;
मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में;
कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा!
“ए पलक तु बन्द हो जा,
ख्बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी
इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी
कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी ”
उसने कहा अब किसका इंतज़ार है;
मैंने कहा अब मोहब्बत बाकी है;
उसने कहा तू तो कब का गुजर चूका है ‘मसरूर’;
मैंने कहा अब भी मेरा हौसला बाकी है!
उनका भी कभी हम दीदार करते है
उनसे भी कभी हम प्यार करते है
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी
पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है !